भारतीय सेना : साहस और शौर्य का दूसरा नाम

Indian Army personnel | Representational image | ANI
भारतीय सेना को किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है। भारत में भारतीय सेना की खासियत के बारे में पूछना मानव के जीवन में हवा या पानी के महत्व को पूछने जैसा है। यह कहना पूर्ण रूप से सही होगा कि भारतीय सेना के बिना भारत नहीं रहेगा। भारतीय सेना देश को जीने लायक वातावरण देती है। यह देश की असल रीढ़ की हड्डी है। यह देश में बचे कुछ संस्थानों में से एक है, जिसे पूरी तरह से तटस्थ और विश्वसनीय माना जा सकता है।
भारत की सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना में से एक है। पूरे विश्व की दस बड़ी सेनाओं में, भारत की सेना दूसरे स्थान पर है चीन की सेना के बाद। भारत की सेना में कुल 14 लाख सिपाही हैं। भारतीय सेना में 3 भाग हैं- वायु सेना, जल सेना और वायु सेना। भारतीय सेना भूमि आधारित संघठन है, जबकि भारतीय वायु सेना वायु रक्षा में काम करती है तथा भारतीय नौसेना नौसेना का विभाग है। हमारी भारतीय सेना सक्रिय रोल पर लगभग 1.23 मिलियन कर्मियों और भंडार में अन्य 9.6 लाख के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। भारतीय सैनिक अपनी जांबाजी और बहादुरी के लिए जाने जाते हैं। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 ई० को की गई थी।
देश में कही भी दंगे, फसाद, या कोई भी मुसीबत क्यों न हो, देश की सेना का स्मरण किया जाता है। फिर चाहे वो दंगा नियंत्रण करना हो, आतंकवाद का मुकाबला करना हो या फिर बाढ़ में फसे लोगों को बचाना हो, यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक पाना हो। निसंदेह, हम भारतवासियों के लिए भारतीय सेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वतंत्रता से पहले भारतीय सेना (ब्रिटिश शासन के तहत) ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय में भाग लिया था। स्वतंत्रता के बाद इसने कारगिल युद्ध (1999), बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971), भारत -पाकिस्तान युद्ध (1965), भारत-चीन युद्ध (1962) और प्रथम कश्मीर युद्ध (1947) जैसे कई पूर्ण युद्ध लड़े हैं। इनके अलावा, भारतीय सेना ने सियाचिन संघर्ष (1984), ऑपरेशन पोलो (1948), भारत-चीन संघर्ष (1967) आदि जैसे कुछ छोटे संघर्षों को भी संभाला है |
भारतीय सेना का मुख्य कार्य सिर्फ बाहरी नहीं एवं आंतरिक खतरों से हमारे देश की रक्षा करना है। इसने कई बार अपनी क्षमता को पूर्ण तरह से साबित किया है। आजादी के बाद पांच बड़े युद्ध लड़े हैं और कई छोटे संघर्षों को सफलतापूर्वक संभाला है। देश पर होने वाले किसी भी प्रकार के हमले का तुरंत उत्तर देना इसका मुख्य लक्ष्य है। हमारे देश की सेना इतनी बड़ी है कि यह कई प्रकार के काम कर सकती है।
सेना ने अनेक युद्ध लड़े और जीते भी। नि:संदेह, जब व्यक्ति के हृदय में देश के लिए मर मिटने का जुनून हो, तो उसे कोई रोक नहीं सकता। आज भारत का हर एक नागरिक चैन से अपना जीवन जी रहा है। भारतीय सेना, जाति, पंथ या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती है। सेना का सैनिक, सर्वप्रथम राष्ट्र का सैनिक होता है उसके बाद वह कुछ और होता है। यह एक अनूठी विशेषता है जो विविधताओं को एक समूह में बांध देती है।